दिल्ली : अकाली दल (Akali Dal) के नेता और जनरल सचिव बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Majithia) ड्रग्स केस में पांच महीने बाद पटियाला जेल से बाहर आ गए हैं. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने (Highcourt) से बिक्रम को जमानत मिली है. जेल से बाहर आए मजीठिया ने कहा कि मेरे खिलाफ जिस मुख्यमंत्री ने साजिश की वो अब सीएम नहीं है और दूसरा षड्यंत्र करने वाला जेल में है. मजीठीया का निशाना पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ था.
बिक्रम मजीठिया पर कब केस दर्ज हुआ था?
कांग्रेस की चन्नी सरकार के दौरान अकाली नेता मजीठिया पर 20 दिसंबर 2021 को केस दर्ज हुआ था. एसटीएफ (STF) की रिपोर्ट के आधार पर यह एफआईआर (FIR) हुई थी. बिक्रम ने पंजाब विधानसभा चुनाव होने के बाद 24 फरवरी 2022 को मोहाली कोर्ट मे सरेंडर कर दिया था. बता दें कि हाईकोर्ट की जस्टिस एम.एस रामचंद्र राव और जज सुरेशवर ठाकुर की स्पेशल डिवीजन बेंच ने बिक्रम मजीठिया की जमानत को लेकर फैसला सुनाया.
क्या राजनीतिक प्रतिशोध तहत हुई एफआईआर?
मजीठिया के वकील अर्शदीप क्लेर ने कहा कि प्रथामिकी (FIR) पॉलिटिकल वेंडेटा के तहत की गई थी. बिक्रम मजीठिया के खिलाफ एक भी अभी तक एक भी सबूत पेश नही कर पाएं है. कोर्ट मे कानून और फैक्ट की बात होती है जिसका नतीजा है कि आज बेल मिली. अगर कोई किसी को फंसाना चाहता है तो वो उसको नामजद तो कर लेंगे लेकिन सबूत कहा से लाएंगे. दोनों सरकारों ने फंसाने की कोशिश की है.